थामा था जिन्होंने तुम्हारा नन्हा हाथ- उन कांपते हाथों को हिम्मत ज़रूरी है। थामा था जिन्होंने तुम्हारा नन्हा हाथ- उन कांपते हाथों को हिम्मत ज़रूरी है।
सोच रहा हुँ थोड़ा बदल के देखूँ फर्ज़ की क़ैद से निकल के देखूँ। सोच रहा हुँ थोड़ा बदल के देखूँ फर्ज़ की क़ैद से निकल के देखूँ।
यह ज़िन्दगी है कई रंग दिखलायेगी । यह ज़िन्दगी है कई रंग दिखलायेगी ।
I am deleting my poems. I am deleting my poems.
काश! एक और जिंदगी मिले, कही अचानक राहों में जिंदगी मिले,।। काश! एक और जिंदगी मिले, कही अचानक राहों में जिंदगी मिले,।।
मेरा तो जीने में दम घुटता है मेरा सवाल है कि मरने से क्या होगा...!! मेरा तो जीने में दम घुटता है मेरा सवाल है कि मरने से क्या होगा...!!